कर्मचारी ने अपने ही बैंक के सिस्टम को दिया चकमा, ATM से इस तरह उड़ाए 7 करोड़ रुपए

बैंक कर्मचारी को अपने बैंक के सिस्टम में एक खामी का पता चला था जिसका फायदा उठाकर उसने 7 करोड़ रुपए निकाल लिए। दिलचस्प बात ये है मामले के सामने आने पर बैंक ने कर्मचारी पर कानूनी कार्रवाई नहीं की।


 


नई दिल्ली: सुनने में यह खबर किसी फिल्म की कहानी मालूम पड़ती है- बैंक के एक प्रोग्रामर ने एटीएम के तकनीकी सिस्टम को धोखा देते हुए लाखों का कैश चुरा लिया। लेकिन आपको बता दें कि यह खबर बिल्कुल सच है। यूपी जागरण न्यूज़ एवं सर्चिंग आईज हिंदी के अनुसार 43 वर्षीय किन किशनेंग किसी तरह एटीएम से 70 लाख युआन (करीब 10 लाख अमेरिकी डॉलर) यानी करीब 7 करोड़ 15 लाख से ज्यादा रुपए निकालने में कामयाब हो गया। यह एटीएम हुआक्सिया बैंक का था जिसमें वह नौकरी करता था। रिपोर्ट्स के अनुसार कर्मचारी को सिस्टम में किसी लूप का पता चला था जिसका उसने फायदा उठाया।


   रिपोर्ट्स की मानें तो बैंक सिस्टम आधी रात के समय निकाले जाने वाली रकम का सही रिकॉर्ड दर्ज नहीं करता था। सिस्टम में यूजर के अकाउंट का विश्लेषण किए बिना एटीएम से पैसे निकालने की कमी थी। सामान्यत: किसी ट्रांन्जेक्शन के फेल होने पर बैंक रेड अलर्ट भेजता है लेकिन बैंक सिस्टम को चकमा देने वाले कर्मचारी किशनेंग ने उन अलर्ट को सिस्टम स्क्रिप्ट में छेड़छाड़ करके बंद कर दिया।


किशनेंग ने नवंबर साल 2016 में बैंक से पैसे निकालना शुरु किया और यह प्रक्रिया  जनवरी साल 2018 तक जारी रही। 1358  ट्रांजेक्शनों के बाद बैंक ने गलत कोड को पहचानने में सफलता पाई और यह मामला अधिकारियों तक पहुंचा।


 कहानी का सबसे चौकाने वाला पहलू ये है कि पैसे लौटा देने के बाद बैंक कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता था। कहा जा रहा है कि दुष्प्रचार से बचने के लिए बैंक ने ऐसा किया और सिस्टम की कमी को ठीक कर लिया। बैंक  की ओर से पुलिस को मामला बंद करने के लिए कहा गया है। किशनेंग ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार कर लिया और कहा कि वह बैंक की सिक्योरिटी की जांच कर रहा था। साथ ही उसने कहा कि उसका पैसे हड़पने का कोई इरादा नहीं था और वह रकम वापस करने के लिए तैयार है।