हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी गले में थायराइड की बीमारी, बस सुबह उठते ही पिएं धनिये का पानी

पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीजियम से भरे धनिये के बीज का पानी थायराइड पेशंट्स के लिए अमृत समान होता है। इस पानी को रोज पीने से थायराइड ही नहीं कई और गंभीर बीमारी भी दूर हो जाती है।


वेट लॉस, डायबिटीज से लेकर डाइजेशन जैसी कई बीमारियों में धनिये के बीज बहुत उपयोगी हैं। इसके बीज का पानी इतना कारगर है की हार्मोस की दिक्कतों को आसानी से दूर कर देता है।  थायराइड जैसी बीमारी इसके रोज़ पानी पीने से 15 दिन में सही जो जाती है। डायबिटीज के अलावा धनिया में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कॉलेस्ट्रॉल को कम भी करते हैं। धनिया के पानी से जलन दूर होती है और मुंहासों से छुटकारा मिलता है। 


थॉयराइड ग्रंथि तितली के आकार की होती है जो गले में पाई जाती है। यह ग्रंथि मेटाबॉल्जिम को नियंत्रण करती है। यानि जो खाना हम खाते हैं यह उसे उर्जा में बदलने का काम करती है। इसके अलावा यह हृदय, मांसपेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है। थाइराक्सिन हॉर्मोन बॉडी में एनर्जी लेवल, हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, मूड और मेटाबॉलिज्म को रेग्यूलेट करता है पर इस हार्मोन के कम या ज्यादा प्रोडक्शन से कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम 


थायराइड दो तरह का होता है- हाइपरथायराइड और हाइपोथायराइड। हाइपरथायराइड में वजन कम होने लगता है। इसमे हार्ट बिट तेज होने लगता है साथ ही पसीना ज्यादा आता है। हाइपोथायराइज में वजन बढ़ने लगता है, कब्ज रहने लगता है, हमारी स्किन बहुत दरी होने लगती है। आवाज भी भारी होने लगती है और चेहरे पर सूजन जैसी समस्या होने लगती है।सही समय पर अगर इस रोग को पहचान कर उपचार किया जाए तो इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकते है। तो आज थायरॉइड के इलाज का अचूक उपाय बता रहे हैं। ये है धनिये का पानी। इसे कैसे बनाये और कब पियें आइये जानें।


ऐसे बनाएं धनिये के बीज का पानी
लगभग 2 चम्मच साबुत धनिया या धनिया के बीज को रात को लगभग एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह इस धनिया को पानी समेत पांच मिनिट के लिए उबालें और फिर छानकर यह पानी गुनगुना पी जायें। अगर आप थायरॉइड कंट्रोल करने के लिए दवा ले रहे हैं तो सबसे पहले खाली पेट अपनी दवा लें और फिर 30 मिनिट बाद यह पानी पियें और इसके 30 से 45 मिनिट बाद आप नाश्ता करें। अगर आप चाहें तो इसे दिन में दो बार खाली पेट भी ले सकती हैं। यह थायरॉइड को कंट्रोल करने में बहुत लाभकारी है। लगभग 30 से 45 दिनों तक नियमित सेवन करने के बाद अपना थायरॉइड लेवल फिर से चैक करायें।


थायराइड कंट्रोल के लिए पौष्टिक भोजन पर भी ध्यान दें



  1. कैल्शियम, विटामिंस और प्रोटीन्स युक्त भोजन थायरॉइड से ग्रसित लोगों को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं।

  2. दूध और दही का अधिक से अधिक सेवन करें।

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  4. विटामिन डी हाइपोथायराइडिज्म और इसी के जैसी और भी बीमारियों से बचाता है।

  5. सुबह जल्दी उठकर सूरज कि किरणों से विटामिन दी पाने की कोशिश करें।

  6. विटामिन ए भी काफी असरदार साबित होगा, जिसे आप गाजर, अंडे या फिर हरी सब्जियों से पा सकते हैं।

  7. थायरॉइड की परेशानी में जितना ज्यादा हो सके फलों और हरी सब्जियों का इस्तेमाल करना चाहिए। फल और सब्जियों में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो थायरॉइड को बढ़ने से रोकते हैं।


वेट लॉस, कोलेटस्ट्रॉल और डायबिटीज कंट्रोल के लिएभी इस पानी को लेना चाहिए। इसके लिए आप तीन बड़े चम्मच धनिये के बीज एक गिलास पानी में उबालें और जब पानी आधे से कम हो जाए तो इसे छान कर दिन में दो बार पीएं।