मुख्यमंत्री ने जनपद चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग
विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित किया
विश्वविद्यालय दिव्यांगजन की प्रतिभा का विकास कर उनको
रोजगार के अवसर प्रदान कराने में सराहनीय कार्य कर रहा है
विश्वविद्यालय को दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग से जोड़कर
अधिक से अधिक सहायता प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जायेगी
मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों में तैत्तिरीय उपनिषद्
की शिक्षाओं को आत्मसात किये जाने पर बल दिया
मुख्यमंत्री ने जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी को उ0प्र0 हिन्दी
संस्थान के 43वें स्थापना दिवस पर 'साहित्य भूषण' सम्मान प्रदान किया
विश्वविद्यालय के केन्द्रीय ग्रन्थालय, जानकी उद्यान, आर0ओ0 प्लाण्ट, अष्टावक्र सभागार, कुलाधिपति मार्ग, आचार्य एवं अधिकारी आवासों का लोकार्पण
लखनऊ: 30 दिसम्बर, 2019
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय गुरुकुल की प्राचीन परम्परा को आगे बढ़ाते हुए देश और दुनिया के दिव्यांगजन को बेहतर शिक्षा उपलब्ध करा रहा है। इसके साथ ही यह विश्वविद्यालय दिव्यांगजन की प्रतिभा का विकास कर उनको रोजगार के अवसर प्रदान कराने में सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालयों में तैत्तिरीय उपनिषद् की शिक्षाओं को आत्मसात किये जाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कुलाधिपति पदक व उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि वे देश, समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए निरन्तर कार्य करते रहें। प्राचीन काल से ही दिव्यांगजन अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते रहे हैं। सूरदास जी की रचनाओं को कौन नहीं जानता है। इसी प्रकार आधुनिक समय में महान वैज्ञानिक स्टीफन हाॅकिंग ने ब्रह्माण्ड के रहस्यों को उजागर कर अपनी अप्रतिम प्रतिभा का लोहा मनवाया। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं बहुत ही सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें इस विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हुआ है और जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जैसे पूज्य संत का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना आई0टी0 विभाग के अधीन की गई थी, किन्तु अब इस विश्वविद्यालय को दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग से जोड़कर अधिक से अधिक सहायता प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जायेगी, जिससे दिव्यांगजन की शिक्षा के लिए अच्छी से अच्छी व्यवस्था हो सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विकलांगजन को दिव्यांगजन का नाम देकर उन्हें नई पहचान दी है। उन्होंने दिव्यांगजन को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था की है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार ने भी दिव्यांगजन को सरकारी सेवा में अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व प्रदान कराया है। दिव्यांग पेंशन में भी बढ़ोत्तरी की गयी है। प्रदेश सरकार द्वारा भविष्य में भी दिव्यांग पेंशन में बढ़ोत्तरी की जायेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मौसम खराब होने के कारण गृहमंत्री, भारत सरकार श्री अमित शाह जी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाये, किन्तु उन्होंने अपनी ओर से शुभकामनाएं देने के लिए कहा है, इसलिए मैं गृहमंत्री जी की तरफ से भी आपको शुभकामनाएं देता हूँ। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूज्य संतों की साधना व्यर्थ नहीं जाती है। संतों की 500 वर्षों की साधना के बाद श्रीराम जन्मभूमि का फैसला आया है और अब अयोध्या में शीघ्र ही भव्य राम मंदिर बनेगा।
मुख्यमंत्री जी ने जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के 43वें स्थापना दिवस पर 'साहित्य भूषण' सम्मान प्रदान किया। उन्होंने ताम्रपत्र, अंगवस्त्र व 02 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारी कामना है कि स्वामी रामभद्राचार्य जी का हिन्दी साहित्य को अनन्तकाल तक योगदान प्राप्त होता रहे। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय निरन्तर आगे बढ़ता रहे और देश व दुनिया में अपना नाम रोशन करे।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी ने हमें यह आश्वासन दिया है कि अगले वर्ष तक यह विश्वविद्यालय केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनेगा। उन्होंने कहा कि हम अगले वर्ष इस विश्वविद्यालय में पांच वर्षीय एल0एल0बी0 पाठ्यक्रम प्रारम्भ करेंगे तथा इस विश्वविद्यालय में दिव्यांगजन के लिए मेडिकल काॅलेज भी स्थापित किया जायेगा। श्री रामभद्राचार्य जी ने कहा कि मैंने रामकथा के प्रवचन से प्राप्त 500 करोड़ रुपये विश्वविद्यालय को प्रदान किये हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के जिन छात्र-छात्राओं को उपाधि प्राप्त हुई है, वे समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए कार्य करें। श्री रामभद्राचार्य ने कहा कि मैं देश के 12 करोड़ दिव्यांगजन को रोजगार दिलाने के लिए आगे भी कार्य करता रहूंगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 योगेश चन्द्र दुबे ने कुलाधिपति से स्वीकृति प्राप्त कर वर्ष 2017-18 तथा 2018-19 में सफल 923 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान कीं। उन्होंने सर्वोत्तम अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को कुलाधिपति पदक प्रदान करने की स्वीकृति दी। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में 07 संकाय तथा 16 विभाग कार्यरत हैं। विश्वविद्यालय में शोध व सेवायोजन की व्यवस्था है। प्रो0 दुबे ने कहा कि भविष्य में विश्वविद्यालय में विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था करायी जायेगी।
मुख्यमंत्री जी ने दीक्षान्त समारोह में विश्वविद्यालय द्वारा श्री कनुभाई टेलर को डी0लिट् तथा प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ0 शिवकुमार चैधरी को डी0एस0सी0 की मानद उपाधि प्रदान की।
इस अवसर पर महामण्डेलश्वर गुरु उदासीन गुरु शरणानन्द महाराज ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को मानसिक रूप से सबल बना दिया जाये, तो शारीरिक दिव्यांगता महत्व नहीं रखती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य, पशु, पक्षी तथा वनस्पति में अपनी विशेष योग्यता होती है, केवल उसे निखारने की आवश्यकता है। श्री गुरु शरणानन्द जी ने कहा कि व्यक्ति सर्वत्र विजय की आशा करता है किन्तु शिष्य और संतान से नहीं। हम आशा करते हैं कि रामभद्राचार्य जी के शिष्य व उत्तराधिकारी रामचन्द्र दास इस विश्वविद्यालय को और आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।
आचार्य रामचन्द्र दास ने कार्यक्रम के प्रारम्भ में मुख्यमंत्री जी तथा अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आप लोगों के सहयोग से यह विश्वविद्यालय न केवल भारत अपितु विश्व में अपना नाम रोशन कर सकेगा।
मुख्यमंत्री जी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। उन्होंने दीक्षांत समारोह के पूर्व, केन्द्रीय ग्रन्थालय, जानकी उद्यान, आर0ओ0 प्लाण्ट, अष्टावक्र सभागार, कुलाधिपति मार्ग, आचार्य एवं अधिकारी आवासों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री जी ने पीलो जल फाउण्डेशन द्वारा निर्मित पीलो जल मंदिर का उद्घाटन भी किया।
दीक्षांत समारोह के अवसर पर राज्य सरकार के मंत्रिगण डाॅ0 महेन्द्र सिंह, श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह), श्री नन्दगोपाल गुप्ता 'नन्दी', श्री अनिल राजभर, श्री चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, विधान परिषद सदस्य श्री स्वतंत्रदेव सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य नागरिक एवं विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।