हाइलाइट्स
- 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों देशों के सैनिकों में तनातनी
- सूत्रों के मुताबिक, देर शाम तक जारी था संघर्ष, दोनों पक्षों ने इलाके में बढ़ाए सैनिक
- LAC की स्थिति को लेकर दोनों पक्षों की भिन्न मान्यताओं की वजह से होती हैं ऐसी घटनाएं
सेना से संपर्क किया तो इतना ही बताया गया है कि तनाव को कम करने के लिए स्थापित द्विपक्षीय व्यवस्था के तहत दोनों पक्ष ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों के बीच बातचीत को सहमत हैं। इस इलाके में पहले भी दोनों देशों से सैनिक भिड़ चुके हैं।
पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच बुधवार को भारत और चीन के सैनिक भी पूर्वी लद्दाख में भिड़ गए। सूत्रों के मुताबिक, भारती और चीनी सैनिकों के बीच काफी देर तक धक्का-मुक्की होती रही। यह घटना 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर हुई, जिसके एक तिहाई हिस्से पर चीन का नियंत्रण है।
एक सूत्र ने बताया, 'भारतीय सैनिक पट्रोलिंग पर थे और इसी दौरान उनका आमना-सामना चीन के पीपल्स लिब्रेशन आर्मी के सैनिकों के साथ हो गया। चीनी सैनिकों ने इलाके में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी का विरोध किया इसके बाद दोनों ओर के सैनिकों में धक्का-मुक्की होने लगी। दोनों पक्षों ने इलाके में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी, देर शाम तक यह संघर्ष जारी था।
क्रांतिकारी संवाद हिंदी दैनिक ने सेना से संपर्क किया तो इतना ही बताया गया है कि तनाव को कम करने के लिए स्थापित द्विपक्षीय व्यवस्था के तहत दोनों पक्ष ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों के बीच बातचीत को सहमत हैं। एक अधिकारी ने कहा, 'लाइन ऑफ एक्जुअल कंट्रोल (LAC) की स्थिति को लेकर दोनों पक्षों की भिन्न मान्यताओं की वजह से इस तरह की घटनाएं अक्सर होती हैं। इनका बॉर्डर पर्सनल मीटिंग या फ्लैग मीटिंग आदि से समाधान कर लिया जाता है।'
पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर विवादित फिंगर 5 से फिंगर 8 इलाके में 15 अगस्त 2017 को भी दोनों देशों के सैनिकों में झड़प हुई थी, जिसमें पत्थरों और लोहे के रॉड्स का भी एक दूसरे के खिलाफ इस्तेमाल किया गया था। उसी साल सिक्कीम-भूटान-तिब्बत सीमा पर डोकलाम में दोनों सैनिकों के बीच काफी दिनों तक तनातनी रही। 73 दिनों तक एक दूसरे के सामने डटे रहने के बाद सैनिक हटे थे।