लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा में ग्राम विकास मंत्री महेन्द्र सिंह द्वारा सीबीआई जांच को लेकर नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी को चुनौती दिये जाने के बाद मंगलवार को हंगामा हो गया।
प्रश्नकाल के दौरान सिंह एक सदस्य के सवाल का जवाब दे रहे थे। इसी बीच चौधरी ने कहा, 'जब आप (मंत्री) इधर (विपक्ष में) होंगे तो सीबीआई जांच होगी और आप भी जेल जाएंगे।'
इस पर मंत्री ने चौधरी को खुली चुनौती देते हुए कुछ शब्द कहे, जिस पर सपा सदस्यों ने आपत्ति की और सदन में हंगामा हो गया। सपा सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए आसन के सामने आ गये।
अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के बार-बार अनुरोध के बावजूद सपा सदस्य शांत नहीं हुए। इसके बाद सदन की बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी। बैठक फिर शुरू होने पर सपा सदस्य आसन के सामने से नहीं हटे, जिसके बाद बैठक दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक स्थगित की गयी।
बैठक पुन: 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होने पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि जो भी हुआ, दुर्भाग्यपूर्ण है।
मंत्री सिंह ने कहा कि वह अपने शब्द वापस लेते हैं और उन्होंने जो भी कहा, उसका उन्हें दुख है। सिंह ने कहा कि वह वरिष्ठ सदस्य चौधरी का सम्मान करते हैं।
दीक्षित ने कहा कि आपत्तिजनक शब्द कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से अनुरोध किया कि वह अपनी पार्टी के सदस्यों को वापस बुलायें।
बसपा नेता लालजी वर्मा ने कहा कि मंत्री को 'दुख' की बजाय 'खेद' शब्द कहना चाहिए।
दीक्षित ने कहा कि दुख व्यक्त करके व्यक्ति खुद को कष्ट देता है जबकि खेद व्यक्त कर वह दूसरों को प्रसन्न करता है।
दीक्षित ने सपा सदस्यों से अनुरोध किया कि वे अपने अपने स्थान पर लौट जाएं। खन्ना ने भी चौधरी से अनुरोध किया कि वह सदन की कार्यवाही चलने देने में मदद करें।
चौधरी ने कहा कि अगर नेता सदन (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ), अध्यक्ष एवं संसदीय कार्य मंत्री महसूस करते हैं कि समाधान उचित है तो वह मामला आगे नहीं बढाना चाहते।